यदि कोई भी वस्तु पर ले जाकर स्वतंत्र छोड़ दी जाती है तो वह पृथ्वी की ओर गिरने लगती है किसी पेड़ के फल डालियों से अलग होते हैं तो पृथ्वी पर गिरते पड़ते हैं यदि हम पत्थर के एक टुकड़े या क्रिकेट की गेंद या अन्य किसी पिंड को हाथ में लेकर इसे बिना कोई बल लगाए स्वतंत्र छोड़ देते हैं तो यह पृथ्वी की और गिरता है और पृथ्वी पर आ जाता है स्वतंत्र छोड़े जाने के समय यह पिंड विराम की अवस्था में रहता है हमारी ओर से इस पर कोई बल नहीं लगाया जाता फिर भी यह दिल होता है इसमें वेब उत्पन्न होता है जो जो यह पृथ्वी के समीप आता जाता है इसके बाद में वृद्धि होती जाती है अर्थात इस में त्वरित वेग होता है न्यूटन के गति के प्रथम नियम के अनुसार विराम अवस्था में कोई वस्तु बिना बाइबल के अवस्था में नहीं आ सकती को छोड़ते समय हमारे द्वारा इस पर कोई आरोप नहीं हो रहा है तो कौन सा बल को बना रहा है इस प्रश्न का उत्तर वैज्ञानिक न्यूटन ने ढूंढा एक प्रचलित की बनती है कि सेब के पेड़ से सेब टूटकर जब पृथ्वी पर उसके सामने गिरा तो उसने विचार किया और निष्कर्ष निकाला कि सेब पर पृथ्वी द्वारा आकर्षण बल आरोपित होता है जो उस से पृथ्वी की और गतिशील करता है वास्तव में आकाशीय पिंडो जैसे ग्रहों चंद्रमा आज की गति यों का अध्ययन करके न्यूटन ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया कि इस ब्रम्हांड में सभी वस्तुओं एक दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करती हैं अपने द्रव्यमान के कारण दो वस्तुएं एक दूसरे को जिस बल से अपनी और आकर्षित करती हैं उसे बल का गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं दो वस्तु या पिंडो द्वारा एक दूसरे के आकर्षण के गुरुत्वाकर्षण कहते हैं
संयोजकता----किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर वह कम कोर्स में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या को संयोजी इलेक्ट्रॉन कहते हैं और कोच को संयोजी कोश कहते हैं तथा इलेक्ट्रॉन की वह संख्या जो संयोग करती है उसे संयोजकता कहते हैं| जैसे---H(1)= 1-- संयोजी कोश --Cl(17)=2,8,7--- संयोजी इलेक्ट्रॉन संयोजकता=1 O(8)=2,6 संयोजकता=2 this is some balance. attention Table If you want to know something please ask me I always reply your Question.
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