विज्ञान के अध्ययन एवं अन्वेषण में अनेक भौतिक राशियों का प्रयोग किया जाता है जिनकी संख्या सैकड़ों तक हो सकती है यदि सभी राशियों के लिए अलग-अलग मात्रक निर्धारित किए जाएं तो इन सबको जाना है याद रखना संभव नहीं होगा अतः कुछ ऐसी भौतिक राशियों को मूल राशियां माना गया जिन का मापन सरलतम तथा केवल एक ही राशि पर निर्धारित होता हो उदाहरण लंबाई के लिए केवल एक राज को नापना पर्याप्त है जबकि छेत्रफल के लिए लंबाई एवं चौड़ाई 2 राशियों को चाल के लिए दूरी एवं समय को घनत्व के लिए द्रव्यमान लंबाई चौड़ाई तथा ऊंचाई को मापना आवश्यक है अतः लंबाई एक मूल राशि है जबकि उपर्युक्त अन्य राशियां मूल राशि नहीं है
विज्ञान में 7 मूल राशियां होती है[ लंबाई या दूरी, द्रव्यमान ,समय, ताप ,विद्युत धारा ,ज्योति तीव्रता तथा पदार्थ की आण्विक मात्रा] निर्धारित की गई है तथा इन राशियों के मात्रक मानक रूप में निश्चित किए गए हैं इन मात्र को को मूल मात्रक कहते हैं
अतः मूल मात्रक ऐसी मात्रक है जिनका अलग-अलग स्वतंत्र रूप से निर्धारण किया गया है अर्थात कोई मूल मात्रक अन्य किसी मूल मात्रक पर निर्भर नहीं करता है इसके विपरीत जिन मात्र को में दो या दो से अधिक मूल मात्रक ओं को समावेश होता है उन्हें व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं
उदाहरण= मीटर तथा सेकंड क्रम से दूरी एवं समय के मूल मात्रक है परंतु चाल का मात्रक मीटर प्रति सेकंड व्युत्पन्न मात्रक है
विज्ञान में 7 मूल राशियां होती है[ लंबाई या दूरी, द्रव्यमान ,समय, ताप ,विद्युत धारा ,ज्योति तीव्रता तथा पदार्थ की आण्विक मात्रा] निर्धारित की गई है तथा इन राशियों के मात्रक मानक रूप में निश्चित किए गए हैं इन मात्र को को मूल मात्रक कहते हैं
अतः मूल मात्रक ऐसी मात्रक है जिनका अलग-अलग स्वतंत्र रूप से निर्धारण किया गया है अर्थात कोई मूल मात्रक अन्य किसी मूल मात्रक पर निर्भर नहीं करता है इसके विपरीत जिन मात्र को में दो या दो से अधिक मूल मात्रक ओं को समावेश होता है उन्हें व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं
उदाहरण= मीटर तथा सेकंड क्रम से दूरी एवं समय के मूल मात्रक है परंतु चाल का मात्रक मीटर प्रति सेकंड व्युत्पन्न मात्रक है
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