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बल(Force)

बल= वह वाह कारण जो किसी वस्तु की गति अवस्था अथवा विराम अवस्था में परिवर्तन कर देता है या परिवर्तन करने का प्रयास करता है यह एक  सदिश राशि है तथा एस आई पद्धति में इसका मात्रक न्यूटन है
न्यूटन= वह बल जो 1 किलोग्राम द्रव्यमान की वस्तु में 1 मीटर सेकंड का त्वरण उत्पन्न कर देता है उसे एक न्यूटन कहते हैं
गुरुत्वीय बल= पृथ्वी द्वारा वस्तु पर लगाए गए बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं
गुरुत्वीय त्वरण= गुरुत्वीय बल के कारण गिरती हुई वस्तुओं में जो त्वरण उत्पन्न हो जाता है उसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं उससे अक्षर gसे प्रदर्शित करते हैं इस का मान 9.81 मीटर प्रति सेकंड स्क्वायर होता है
न्यूटन के गति विषयक नियम=
प्रथम नियम= यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी और यदि गत्ते अवस्था में है तो उसी वेग से चलती रहेगी जब तक कि उस पर कोई वाह बल ने लगाया जाए इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं
द्वितीय नियम= किसी वस्तु पर आरोपित बल या वस्तु के द्रव्यमान तथा उसमें उत्पन्न कराने के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है तथा त्वरण की दिशा वही होती है
तृतीय नियम= प्रतिक्रिया के समान तथा विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है अर्थात जब कोई वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु में भी पहली वस्तु पर उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है
जड़त्व= भौतिक वस्तुओं का वह गुण जिसके कारण वे अपनी वर्तमान अवस्था को बनाए रखने का प्रयास करती है उसे जड़त्व कहते हैं
विराम अवस्था का जड़त्व= यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह उसी अवस्था में रहेगी जब तक कि उस पर कोई बाहरी बनने लगाया
 गति अवस्था का जड़त्व= यदि कोई वस्तु का व्यवस्था में है तो वह उसी वेग से गति करती रहेगी जब तक कि उसके ऊपर कोई बाहरी वरना लगाया जाए
संवेग= वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को संभोग करते हैं यह एक सदिश राशि है तथा इसका मात्रक के ग्राम मीटर प्रति सेकंड या न्यूटन सेकंड है
बल का आवेग= किसी वस्तु पर कार्य करने वाले बल और समय के गुणनफल को बल का आवेग कहते हैं यह एक सदिश राशि है तथा इसका मात्र न्यूटन सेकंड है

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