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इंटरनेट

भूमिका= इंटरनेट ने विश्व में जैसा क्रांतिकारी परिवर्तन किया वैसा किसी भी दूसरे टेक्नोलॉजी ने नहीं किया नेट के नाम से लोकप्रिय इंटरनेट अपने उपभोक्ताओं के लिए बहुआयामी साधन प्रणाली है या दूर बैठे उपभोक्ताओं के मध्य अंतर संवाद का माध्यम है सूचना या जानकारी में भागीदारी और सामूहिक रूप से काम करने का तरीका है सूचना को विश्व स्तर पर प्रकाशित करने का जरिया है और सूचनाओं का अपार सागर है इसके माध्यम से इधर-उधर फैली तमाम सूचनाएं संस्करण के बाद ज्ञान में परिवर्तित हो रही है बहुत ही और घनिष्ठ समुदाय का विकास क्या है इन टेक्नोलॉजी के संयुक्त रूप से कार्य का उपयुक्त उदाहरण है कंप्यूटर के बड़े पैमाने पर उत्पादन कंप्यूटर संपर्क दूरसंचार सेवाओं की उपलब्धता और आंखों के भंडारण और संप्रेषण मैं आई नवीनता ने नेट के कल्पना अतीत विकास और उपयोगिता को बहुमुखी प्रगति प्रदान की है आज किसी समाज के लिए इंटरनेट वैसा ही ढांचागत आवश्यकता है जैसे कि सड़क के टेलीफोन या विद्युत ऊर्जा
इतिहास और विकास= इंटरनेट का इतिहास पेचीदा है इसका पहला दृष्टांत सन 1962 ईस्वी में मैसाचुसेट्स टेक्नालॉजी संस्थान के जेसीआर लिकलाइडर द्वारा लिखे गए कई क्या  ज्ञापन के रूप में सामने आया था उन्होंने कंप्यूटर की ऐसी विश्व व्यापी अंत संबंधित श्रृंखला की कल्पना की थी जिसके जरिए वर्तमान इंटरनेट की तरह ही आंकड़ों और कार्यक्रमों को तत्काल प्राप्त किया जा सकता था इस प्रकार के नेटवर्क में सहायक बनी तकनीक सफलता पहली बार इसी संस्थान के लियोनार्ड क्लीनर ओक ने सुझाव कि उनकी यह सोच पैकेट स्विचिंग नाम की नई टेक्नोलॉजी थी जो सामान्य टेलीफोन प्रणाली में  प्रयुक्त स्कर्टिंग स्विचिंग टेक्नोलॉजी से मिलती जुलती थी पैकेट स्विचिंग उस पत्र पेटी की तरह थी जिसका इस्तेमाल चाहे जितने लोग कर सकते थे इसके जरिए दुनिया में कंप्यूटर अन्य कंप्यूटर से जुड़े बिना भी एक दूसरे से संवाद कायम कर सकते थे इंटरनेट के इतिहास में 1973 का वर्ष ऐसा था जिसने 1 मील के पत्थर जोड़ें और इस प्रकार अधिक विश्वसनीय और स्वतंत्र नेटवर्क की शुरुआत हुई इसी वर्ष में इंटरनेट एक्टिविटी बोर्ड की स्थापना की गई इस वर्ष के नवंबर महीने में टू मीनिंग सर्विस का पहला विवरण जारी किया गया और वर्ष की आखिरी महत्वपूर्ण घटना इंटरनेट का सेना और आम लोगों के लिए उपयोग के द्वारा सार्वजनिक नेटवर्क के उदय के रूप में सामने आया इसी के साथ आज इंटरनेट ने जन्म लिया 
इंटरनेट संपर्क= इंटरनेट का आधार राष्ट्रीय क्षेत्रीय सूचना होता है जो सामान्यतः हाई बैंड ट्रक लाइनों से बना होता है और जहां से विभिन्न संपर्क लाइन ओं कंप्यूटर को जोड़ती है

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प्रकाश के गुण

1. प्रकाश स्वयं अदृश्य होता है परंतु इसकी उपस्थिति में वस्तु दिखाई देती है 2. साधारण त्या प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है 3. प्रकाश के संचरण हेतु किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है प्रकाश निर्वात में भी गमन कर सकता है 4. प्रकाश विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में चलता है 5. प्रकाश पारदर्शी माध्यम में से गुजर सकता है परंतु अपारदर्शी माध्यम में से नहीं गुजर सकता 6. विभिन्न माध्यमों में प्रकाश की चाल भिन्न-भिन्न होती है निर्वात में प्रकाश की चाल 3 * 10 की घात 8 मीटर पर सेकंड होती है 7. चमकदार पृष्ठों से प्रकाश परावर्तित हो जाता है 8. जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो प्रकाश अपने पथ से विचलित हो जाता है

valency( संयोजकता)

  संयोजकता----किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर वह कम कोर्स में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या को संयोजी इलेक्ट्रॉन कहते हैं और कोच को संयोजी कोश कहते हैं तथा इलेक्ट्रॉन की वह संख्या जो संयोग करती है उसे संयोजकता कहते हैं| जैसे---H(1)= 1-- संयोजी कोश --Cl(17)=2,8,7--- संयोजी इलेक्ट्रॉन                   संयोजकता=1        O(8)=2,6             संयोजकता=2  this is some balance.   attention   Table   If you want to know something please ask me I always reply your Question.

विद्युत बल्ब

 विद्युत बल्ब विद्युत धारा के उसमें प्रभाव पर आधारित एक उपकरण है जब विद्युत बल्ब के तंतु में धारा प्रवाहित की जाती है तो तंतु का प्रतिरोध अत्यधिक होने के कारण इस का तापमान 1500 डिग्री सेल्सियस से 2500 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है इस कारण यह चमकने लगता है  संरचना एवं कार्य विधि= विद्युत बल्ब का आज का एक खोखला गोला होता है जिसके अंदर से बाहर निकाल कर निर्वात रखते हैं बल्ब के ऊपरी भाग पर एक अल्मुनियम की टोपी लगी होती है जिसके दोनों और दो पिन लगी होती है तो पीके मुंह को चढ़ाया लाख से बंद कर दिया जाता है कपड़े के ऊपर जस्ते के दो टैंक लगे होते हैं जिनका संबंध दो मोटे तारों से होता है यह तार एक कांच की नली से होकर बल्ब के अंदर इस प्रकार लाए जाते हैं कि यह एक दूसरे को स्पर्श ना करें इनके आंतरिक शेरों के बीच टंगस्टन का एक बार इक्ता जुड़ा होता है जिसे तंत्र कहते हैं टंगस्टन का गलनांक होता है जब तंत्र में विभव धारा प्रवाहित की जाती है तो यह श्वेत तप्त होकर श्वेत प्रकाश देने लगता है